• दिल्ली में ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बंद करने पर सौरभ भारद्वाज का आरोप, 'निजी संस्थानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश'

    दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के प्रमाणपत्र बनाने पर रोक को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है

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    नई दिल्ली। दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के प्रमाणपत्र बनाने पर रोक को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी अस्पतालों और स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने यह निर्णय किया है।

    सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली में शासन और प्रशासन चलाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि अब राजधानी में ईडब्लूएस के प्रमाणपत्र नहीं बनाए जाएंगे। उन्होंने चेताया कि इस फैसले का सीधा असर उन छात्रों और मरीजों पर पड़ेगा जो स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में ईडब्लूएस आरक्षण के तहत लाभ उठाते हैं।

    'आप' नेता ने कहा, “सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में 10 प्रतिशत ईडब्लूएस आरक्षण लागू किया हुआ है। अगर प्रमाणपत्र नहीं बनेंगे तो लाखों छात्रों को दाखिले में मुश्किल होगी। अस्पतालों में भी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के आधार पर इलाज मिलता है, लेकिन अब यह संभव नहीं हो पाएगा।”

    उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के इस “तुगलकी फरमान” से न सिर्फ बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा, बल्कि जिन लोगों को नौकरियों में ईडब्लूएस आरक्षण मिलना था, उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने भाजपा पर निजी स्कूलों और अस्पतालों को फायदा पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया।

    सौरभ भारद्वाज ने कहा, “अगर कुछ ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र गलत बने हैं, तो सरकार बताए कि कितने एसडीएम और डीएम पर कार्रवाई की गई? अपने अधिकारियों की गलती की सजा आम जनता को क्यों दी जा रही है?”

    उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ईडब्लूएस प्रमाणपत्र बंद करने का निर्णय क्या केवल "निजी संस्थानों को लाभ पहुंचाने के लिए" किया गया है? उन्होंने कहा कि इस कदम से न सिर्फ आरक्षण का लाभ बंद हो जाएगा, बल्कि हजारों जरूरतमंद लोग सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाएंगे।

    'आप' नेता ने दिल्ली सरकार के इस फैसले की निंदा की है। उन्होंने तत्काल इस आदेश को वापस लेने और ईडब्लूएस प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की मांग की है, ताकि जरूरतमंदों को उनके अधिकारों से वंचित न होना पड़े।

     

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